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एलोवेरा – Aloe vera

एलोवेरा क्या है ? what is aleo vera

एलोवेरा एक छोटे तने वाली झाड़ी है I जिसका एक वंश है , इसमें फूलदार रसीले पौधे की 500 से अधिक प्रजातियाँ शामिल होती है I कई प्रकार के एलोवेरा प्राकृतिक रूप से उत्तरी आफ्रिका में पाएं जाते है I इसकी प्रतियाँ रसीली सीधी और घनी रोसेट के जैसे होती है I एलोवेरा एक कैक्टस पौधा है जो गर्म शुष्क जलवायु में उगता है I इसकी खेती दुनिया भर के उपोष्नक टीबंधीय क्षेत्रो में की जाती है, एलोवेरा को धृत कुमारी या अलोवेरा या एलोवेरा, जिसे कवारगंदल या ग्वारपाठा के नाम से भी जाना जाता है I एलोवेरा को एक औषधीय पौधे के रूप में जाना जाता है I इसकी उत्पति संभवत: उत्तरी अफ्रीका में हुई है I एलोवेरा कि प्रजातीयां विश्व के अन्य स्थानों पर स्वाभाविक रूप से नहीं पाया जाता है I पर इसके निकट सबंधी एलोवेरा उत्तरी आफ्रिका में पायें जाते है I एलोवेरा को सभी सभ्यताओ के अनुसार एक औषधी पौधे के रूप में मान्यता दिया जाता है I एलोवेरा प्रजाति के पौधों का इस्तेमाल पहली शताब्दी ईसवी से औषधी के रूप में किया जा रहा है I एलोवेरा का उल्लेख आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथो में किया जाता है I

धृत कुमारी ( एलोवेरा ) के आर्क का उपयोग बड़े स्टार पर सौंदर्य और वैकल्पिक औषधी जैसे चिरयौनकारी ( त्वचा को युवा रखने वाली क्रिम ) आरोग्यी या सुखदायक के रूप में उपयोग किया जाता है I लेकिन धृत कुमारी के औषधीय प्रयोजनों के प्रभाव की पुष्टि के लिए बहुत ही कम वैज्ञानिक साक्ष मौजूद के बाद कुछ प्रारंभिक सबुत है कि धृत कुमारी मधुमेह के इलाज में इसका काफी उपयोग किया जाता है I साथ ही यह मानव रक्त में लिपिड का स्टार काफी घटा देता है I मानव कल्याण संस्थान के निदेशक और सेनावृत चिकित्सा अधिकारी डॉ. गंगा सिंह चौहान ने काजरी के रिटायर्ड वैज्ञानिक डॉ. ए. पी. जैन के सहयोग से एलोवेरा और मशरूम के कैप्सूल तैयार किए है, जो एड्स रोगियों के लिए बहुत लाभदायक है I  यह रक्त शुधि भी करता है I

एलोवेरा ( धृत कुमारी ) का पौधा विना ताने का या बहुत ही छोटे तने का एक गूदेदार और रसीला पौधा होता है I जिसकी लम्बाई 12 – 19 इंच या ( 30 – 50 cm ) तक होती है I धृत कुमारी का फैलाव निचे से निकलती शाखाओं द्वारा होता है I इसकी पतियाँ भालाकार मोटी और मांसल होती है I  जिसका रंग हरा होने के साथ कुछ किस्मो में पट्टी के उपरी और निचली सतह पर सफेद छोटे छोटे कांटो के एक पंक्ति होती है I गर्मी के मौसम में ये पीले रंग का फुल उत्त्पन्न करते है I

माना जाता है कि धृत कुमारी मुख्यत : उत्तरी अफ्रीका का पौधा है और मुख्यत : अल्जीरिया , मोरक्को , ट्यूनीशिया के साथ कैनरी द्वीप और माडीयरा द्वीपों से सम्बंधित है I हालाकिं अब इसे पुरे विश्व में उगाया जाता है I इस प्रजाति को चीन , भारत , पाकिस्तान , और दक्षिणी यूरोप के विभिन्न भागो में 17 वीं शताब्दी में लाया गया था I इस प्रजाति को शीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रो में जैसे – आस्ट्रेलिया , बारबाडोस , बेलीज , नाइजीरिया , संयुक्त राज्य अमेरिका और पैराज्वे में भी सफलता पूर्वक उगाया जाता है I विश्व में एलोवेरा की कम से कम 420 प्रजातियाँ पाई जाती है

एलोवेरा कि कृषि कैसे कि जाती है ?

आजकल धृत कुमारी की खेती एक बहुत बड़े स्तर पर एक सजावटी पौधे के रूप में की जा रही है I एलोवेरा को आधुनिक उत्पादक इसके औषधीय गुणों के कारण उगा रहे है I इसकी सरसता ये है कि इसे कम वर्षा वाले प्राकृतिक क्षेत्रो में भी जीवित रहने में सक्षम है I जिसके चलते यह पठारी और शुष्क क्षेत्रो के किसानो में बहुत लोकप्रिय है I धृत कुमारी हिमपात और पाले का सामना करने में असमर्थ होता है आम तौर पर यह कीटो का प्रतिरोधक करने में सक्षम होता है पर कुछ किट जैसे -मिली बग , पटरी कीट और एफिड कीड़ो के कारन पादप की ब्रिधि में गिरावट आ सकती है I  गमले में पौधे के लिए बलुई मिट्टी जिसमे पानी का निकास अच्छा हो तेज खिली धुप की स्थिती अछी होती है I सौंदर्य प्रसाधन उधोग के लिये एलोवेरा जैल की आपूर्ति के लिए धृत कुमारी का बड़े पैमाने पर कृषि उत्पादन आस्ट्रेलिया , क्यूबा , गणराज्य , भारत , जैमका  दक्षिण अफ्रिका और केन्या के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका में भी होती है I

एलोवेरा का मानव जीवन में क्या उपयोग है ?

धृत कुमारी के सौंदर्य वर्धक और उपचारात्मक प्रभावों के संबंध में बैज्ञानिक साक्ष बहुत सिमित है और आम तौर पर विरोधाभासी है I इसके बावजूद सौंदर्य और वैकल्पिक दवा उधोग इसके चिकित्सीय गुणों का निरंतर दावा करता है I धृत कुमारी का स्वाद बहुत ही कड़वा है होता है तथापि इसके जैल का प्रयोग व्यावसायिक रूप में उपलब्ध दही , पेय पदार्थो और कुछ मिठाइयों में एक घटक के रूप में किया जाता है I माना जाता है कि धृत कुमारी के बीजो से जैव इंधन प्राप्त किया जा सकता है I भेड के कृत्रिम गर्भधान में वीर्य को पतला करने के लिए धृत कुमारी का प्रयोग होता है I

. एलोवेरा का चिकित्सा में क्या उपयोग है ?

चीन , जापान और भारत में धृत कुमारी का प्रयोग पारंपरिक चिकित्सा मर किया जाता है I व्यापक मान्यता के अनुसार धृत कुमारी विषैली नहीं होती अगर इसको ज्यादा मात्रा में निगला जाये तो यह हानिकारक हो सकता है I मान्यता है की माना जाता है कि घावों को भरने में धृत कुमारी का प्रभावी इलाज है I पर साक्ष सिमित और विरोधाभासी है I जलने और घाव पर लगाने के अलावा धृत कुमारी के सेवन से मधुमेह रोगियों की रक्त शर्करा के स्तर में सुधार होता है I साथ ही यह उच्च लिपिड़ेमिक रोगियों के रक्त में लिपिड का स्तर घटाता है I

Objective Question

वतुनिष्ठ प्रश्न

Q- एलोवेरा का वानस्पतिक नाम क्या है ?

Ans- एलो बारबाडेसिस मिलर

Q- एलोवेरा का वैज्ञानिक नाम क्या है ? 

Ans- धृत कुमारी

Q- एलोवेरा का दूसरा नाम क्या है ?

Ans- कवारगंदल या ज्वारपाठा

Q- एलोवेरा का खोज कब हुई थी ?

Ans- चौथी शताब्दी ईशा पूर्व 

Q- एलोवेरा कि कितनी प्रजातियाँ है ?

Ans- 420 से अधिक 

Q- एलोवेरा में कौन सा विटामिन पाया जाता है ?

Ans- V-C , V-E , V-B9 , and V-B12

Q- एलोवेरा ठंडा या गर्म होता है ?

Ans- ठंडा

Q- एलोवेरा का सेवन कब नहीं करना चाहिए ?

Ans- खाली पेट 

Q- एलोवेरा में किसका वास होता है ?

Ans- बैडी का इनेज नमक एंजाइम

Q- एलोवेरा का मुख्य गुण क्या है ?

Ans- एंटीआक्सीडेंट और जिवानुरोधी गुण 

Q- एलोवेरा को संस्कृत में क्या कहते है ?

Ans- धृत कुमारी

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